अधिकारियों एवं कर्मचारियों के अधिकार और कर्तव्य :-
(1) उपाध्यक्ष :-
(अ) उ0प्र0 नगर नियोजन अधिनियम 1973 के अनुसार कार्य पूर्ण कराना।
(ब) भवन उपविधि 2000 के अनुसार आवासीय/ व्यावसायिक भवनों के मानचित्र स्वीकृत करना / कराना।
(स) प्राधिकरण के द्वारा कराये जाने वाले कार्यो को करने से पूर्व प्राधिकरण बोर्ड की अनुमति प्राप्त करने के लिए प्राधिकरण बोर्ड की बैठक में निर्णय होने हेतु रखना तथा बोर्ड के निर्णयानुसार कार्यो को सम्पादित कराना।
(द) अकेन्द्रीयत सेवा के कर्मचारियों का नियुक्ति प्राधिकारी होने के कारण उनके सेवा सम्बंधी कार्यो का निस्तारण शासन के आदेशानुसार करना।
(र) अन्य कार्य जो शासन/अध्यक्ष द्वारा सौंपे जाये उन्हें शासना को उपलब्ध कराना।
(ल) शासन द्वारा समय-समय पर मीटिंगों के माध्यम से वांछित सूचना/प्रगति आख्या शासन को उपलब्ध कराना।
(2) मुख्य वित्त एवं लेखाधिकारी :-
(अ) बजट मैन्यूअल 2002 के प्राविधानों के अनुसार लेखा सम्बंधी कार्यो का निस्तारण कराना।
(ब) विकास प्राधिकरण का वार्षिक बजट तैयार कराना।
(स) विकास प्राधिकरण के स्थानीय निधि लेखा परीक्षा विभाग द्वारा कराये गये समपरीक्षा में दर्शायी गयी आपत्तियों का नियमों के परिप्रेक्ष्य में निस्तारण कराना।
(द) उपाध्यक्ष द्वारा सौंपे गये कार्यो को पूर्ण कराना तथा कार्यालय के कार्यो के निस्तारण में सहयोग प्रदान करना।
(य) केन्द्रीयत / अकेन्द्रीयत सेवा के कर्मचारियों / अधिकारियों के सेवा सम्बंधी प्रकरणों में नियमसंगत परामर्श देना।
(3) अधिशासी अभिसन्ता :-
(अ) विकास प्राधिकरण के अभियन्त्रण सम्बंधी समस्त कार्यो का सहायक अभियन्ताओं तथा अवर अभियन्ताओं के माध्यम से निस्तारण कराना।
(ब) अवस्थापना विकास निधि से कराये जाने वाले विकास कार्यो का ब्लू-प्रिन्ट तैयार कराना।
(स) शहरी सुनियोजित समग्र विकास तथा निर्माण कार्यो के विनियमन हेतु ले-आउट प्लान व भवन मानचित्र स्वीकृत कराना।
(द) उपाध्यक्ष द्वारा जो भी कार्य सौपें जाये उन्हें नियमानुसार निस्तारण कराना तथा कार्यालय के कार्यो में पूर्ण सहयोग प्रदान करना।
(4) अन्य अधिकारी/कर्मचारी :-
(अ) अभियन्त्रण खण्ड के अधिकारी/कर्मचारी, अधिशासी अभियन्ता के नियन्त्रण में शासनादेशों के अनुसार कार्य सम्पादित करना।
(ब) लेखा विभाग के अधिकारी/कर्मचारी, मुख्य वित्त एवं लेखाधिकारी के नियन्त्रण में शासनादेशों के अनुसार कार्य सम्पादित करना।
(स) शेष अधिकारी/कर्मचारी विभागीय निर्देशों /शासनादेशों के अनुसार प्रभारी अधिकारी के नियन्त्रण में कार्यो को सम्पादित करना।